उत्तर प्रदेशताज़ा ख़बरेंधार्मिकमेरठ

हस्तिनापुर का रामलीला मैदान हुआ भक्तिमय, प्रभु श्री राम की लीलाओं का हो रहा है मंचन।

हस्तिनापुर की रामलीला में श्रीराम के जन्म से अहिल्या उद्धार तक का मंचन

हस्तिनापुर की रामलीला में श्रीराम के जन्म से अहिल्या उद्धार तक का मंचन

हस्तिनापुर, [मंगलवार] – हस्तिनापुर के रामलीला मैदान में चल रहे प्रभु श्री राम के लीला मंचन में दर्शकों को रामायण के महत्वपूर्ण प्रसंगों को देखने का अवसर मिल रहा है। कल के मंचन में भगवान राम और उनके तीन भाइयों के जन्म से लेकर अहिल्या उद्धार तक की कथा को जीवंत रूप से प्रस्तुत किया गया, जिसने दर्शकों को भावविभोर कर दिया।

चारों भाइयों का जन्म और नामकरण

लीला की शुरुआत राजा दशरथ के घर चार पुत्रों के जन्म के मनमोहक दृश्य से हुई। कलाकारों ने राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के बालरूप को बड़े ही सुंदर ढंग से दर्शाया। इसके बाद, कुल गुरु महर्षि वशिष्ठ द्वारा चारों भाइयों का नामकरण संस्कार हुआ, जिसमें उन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम राम, शेषनाग के अवतार लक्ष्मण, धर्म के प्रतीक भरत, और शत्रु का नाश करने वाले शत्रुघ्न का नाम रखा। यह दृश्य भक्ति और श्रद्धा से परिपूर्ण था।

ताड़का वध और अहिल्या उद्धार

मंचन के अगले भाग में मुनि विश्वामित्र का आगमन हुआ। उन्होंने राजा दशरथ से यज्ञ की रक्षा के लिए राम और लक्ष्मण को अपने साथ भेजने का आग्रह किया। राम और लक्ष्मण विश्वामित्र के साथ वन में गए, जहाँ उनका सामना राक्षसी ताड़का से हुआ। श्रीराम ने ताड़का का वध कर ऋषि-मुनियों को भयमुक्त किया। इसके बाद उन्होंने ताड़का के पुत्र सुबाहु का भी वध किया और दूसरे पुत्र मारीच को बाण मारकर लंका तक पहुँचा दिया।

लीला का अंतिम और सबसे मार्मिक दृश्य अहिल्या उद्धार का था। भगवान राम के चरण स्पर्श से पत्थर बनी अहिल्या का उद्धार हुआ और वह अपने असली रूप में लौट आईं। इस दृश्य ने दर्शकों की आँखें नम कर दीं।

कलाकारों ने अपने दमदार अभिनय से इन सभी प्रसंगों को दर्शकों के सामने सजीव कर दिया। रामलीला समिति के अध्यक्ष ने बताया कि आने वाले दिनों में और भी महत्वपूर्ण लीलाओं का मंचन किया जाएगा। इस भव्य मंचन को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु हर शाम रामलीला मैदान पहुँच रहे हैं।

 

रामलीला के कलाकारों का उत्साह बढ़ाने के लिए हस्तिनापुर की श्री रामलीला कमेटी ने विशेष आयोजन किया। इस अवसर पर कमेटी के कई पदाधिकारी और सदस्य मौजूद थे, जिन्होंने कलाकारों की जमकर सराहना की। तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा माहौल गूंज उठा, जिससे कलाकारों का मनोबल काफी बढ़ा।

इस आयोजन में प्रमुख रूप से श्री हरीश लाल, श्री बाल मुकुन्द बत्रा, श्री अनुज शर्मा, श्री गौरव गुर्जर, श्री सुनील कालरा, श्री सुभाष गबरानी (बिट्टू), श्री सुशील यादव, श्री हरविन्द्र छाबड़ा, श्री विक्की छाबड़ा, श्री राजू नारंग, श्री मुकेश ठाकुर, श्री सागर चौधरी, श्री पवनीश चौधरी, श्री मुनीश मेहता, श्री सुरेन्द्र नारंग (किम्मा), श्री अमर बहादुर, श्री दर्शन भारद्वाज, श्री मनोज अहलावत, श्री अशोक जुनेजा, श्री मदन छाबड़ा, श्री गुलशन खट्टर, श्री देवेन्द्र चौधरी, श्री सुजीत चौधरी, श्री विक्रम चौधरी, श्री जितेन्द्र शर्मा, स० हरेन्द्र सिंह (निक्कू), श्री विशाल प्रजापति, श्री नीरज कामदार, श्री अरविन्द कुमार (बिन्नू), श्री सुशील अरोरा, श्री जे० पी० बैंसला, श्री ओमप्रकाश पपनेजा, श्री बालेश्वर प्रधान, और श्री पंकज फौजी शामिल थे।

यह आयोजन हस्तिनापुर की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है और इसमें भाग लेने वाले सभी लोगों के लिए एक यादगार अनुभव रहा।

Oplus_131072

रामलीला मंचन करते हुए कलाकार

Show More
Back to top button
error: Content is protected !!